भारत के 7 करोड़ से अधिक नौकरी पेशावर लोगों के लिए दिवाली से पहले आई बड़ी खुशखबरी अब आप जरूरत पड़ने पर अपने PF से 100% परसेंट यानी कि पूरा पैसा निकाल सकते हैं।
अभी तक नौकरी पेशा लोगों को अगर अपने PF अकाउंट से पैसा निकालना होता था तो तेरा अलग-अलग तरह के फॉर्म्स उपलब्ध थे लेकिन यह समझ नहीं आता था की जरूरत के लिए कौन से फॉर्म को भरने आवश्यक है।
और गलत फॉर्म भरने की वजह से बहुत सारे फार्म खारिज हो जाते थे या फिर बार-बार एक ही ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे। तो अब इन सब और व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय सरकार ने 13 फॉर्म की जगह इस सुविधा को तीन स्टेप्स में ऑनलाइन कर दिया है।
EPFO से PF निकालने की अब, 13 नहीं तीन वजह
अब PF से पैसा निकासी के लिए सिर्फ तीन में से कोई 1 वजह बतानी होगी जैसे कि पहले आती है अतः आवश्यक जरूरतें; जिसमें आती हैं – एमरजैंसी सर्विसेज जैसे कोई हॉस्पिटलाइजेशन शुल्क जमा करना हो, अपने परिवार में किसी के इलाज के लिए आपको पैसा निकालना हो, बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए किसी कॉलेज या स्कूल फीस को जमा करना हो, या फिर शादी विवाह के लिए रकम की जरूरत हो।
दूसरा है – आवास संबंधी आवश्यकता है जैसे कि आपको कोई प्रॉपर्टी खरीदनी हो, जमीन लेनी हो, फ्लैट खरीदना हो या मकान बनवाना हो, टूटे घर की मरम्मत करवानी हो या बिस्तर करवाना हो।
तीसरा है – विशेष परिस्थितियों, पहले आपको यह बताना पड़ता था की नौकरी छूट जाने पर, कंपनी बंद हो जाने पर या कोई आपदा आ जाने जैसी कोई ठोस वजह बताने पर ही निकाल सकते थे। परंतु अब इस श्रेणी को बहुत उदार बना दिया गया है, और इसमें से आंशिक निकासी पर आपको कोई भी विवरण नहीं देना पड़ेगा।
इन सब बदलावों के चलते EPFO से पैसे निकालना अब आसान हो गया है और किसी भी प्रकार की आंशिक निकासी पर आप ऑनलाइन फंड्स बिना किसी दस्तावेज़ के अपने बैंक में निकलवा पाएंगे।
हालांकि खबर में 100% निकासी की बात कही जा रही है लेकिन इसका एक तकनीकी पहलू समझना बेहद जरूरी है नए नियमों के अनुसार कर्मचारी अपने एलिजिबल बैलेंस का 75% तक निकल सकते हैं।
जिसमें कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों का हिस्सा शामिल है, लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण शर्त भी है बोर्ड ने यह अनिवार्य किया है कि हर सदस्य को अपने खाते में अपने कुल योगदान का काम से कम 25% हिस्सा हर समय बनाए रखना होगा आसान भाषा में समझे तो आप अपने मौजूदा कल पीएफ बैलेंस का 75% तक ही एक बार में निकल पाएंगे।
और 25% बैलेंस आपको अपने खाते में न्यूनतम दर राशि के तौर पर जमा रखनी पड़ेगी। सरकार का तर्क है कि खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने से सदस्यों को ईपीएफओ द्वारा दी जाने वाली आकर्षक ब्याज दर यानी कि जो वर्तमान में 8.5 यानी की 8.25% प्रति वर्ष जो लगता है वह है और चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता रहेगा जो उनके रिटायरमेंट के लिए एक बड़ी पूंजी तैयार करने में मदद करेगा।
पहले कोई भी कर्मचारी अपनी पूरी नौकरी के दौरान बच्चों की शिक्षा और विवाह के लिए कुल मिलाकर सिर्फ तीन बार ही PF से पैसा निकाल सकता था।
अब इस नियम को बदलते हुए बच्चों की पढ़ाई के लिए निकासी की सीमा को बढ़ाकर 10 बार और शादी के लिए पांच बार कर दिया गया है यह उन मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक बहुत बड़ी राहत है जिन्हें अक्सर बच्चों की महंगी पढ़ाई या शादी के खर्चों के लिए वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है।
इसके साथ ही एक और बड़ा बदलाव न्यूनतम सेवा अवधि को लेकर किया गया है। पहले अलग-अलग निकासी के लिए नौकरी की अलग-अलग अवधि की शर्त थी। लेकिन अब इसे सभी प्रकार की आंशिक निकासी के लिए एक समान करते हुए घटाकर सिर्फ 12 महीने यानी एक साल कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आपने किसी संस्थान में सिर्फ एक साल भी नौकरी की है तो आप इन जरूरतों के लिए अपने पीएफ से पैसा निकालने के लिए हकदार होंगे। यह नियम नए और युवा कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा।
PF खाते में से पहले आप 36 से 50% पैसा ही निकाल पाते थे। और पर त्योहारों से पहले केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंजाविया की अध्यक्षता में हुई सेंट्रल वीआई ऑफ ट्रस्ट की बैठक सीबीआई की जो बैठक हुई उस मीटिंग के बाद में ईपीएफओ ने कई राहत भरे फैसलों का ऐलान कर दिया है।
इसके साथ ही अगर आप शिक्षा के लिए पैसे निकाल रहे हैं, तो उसके लिए 10 बार आप अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं। 10 बार की अनुमति दी गई है। लेकिन इसके साथ ही यह तो बात रही शिक्षा की। लेकिन अगर आप शादी के लिए पैसे निकाल रहे हैं तो आप पांच बार अपने इस पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
साथ ही 25% जो न्यूनतम बैलेंस है वह बनाए रखना जरूरी है। और अगर आप 25% न्यूनतम बैलेंस को बनाए रखते हैं तो उसमें आपको 8.25% ब्याज के साथ-साथ आपका रिटायरमेंट फंड जो है
इसके साथ ही जुर्माने में भी अब इन सभी को राहत मिलती हुई नजर आई है। जुर्माने में किस तरीके से राहत मिल रही है वो भी आपको बताते हैं। ईपीएफओ ने विश्वास योजना जो है वो शुरू की है जिसके जरिए जुर्माने में आप सबको राहत मिलेगी। इसके जरिए पेंडिंग केस और साथ ही जुर्माना कम करने में आपको राहत इसके जरिए मिलती हुई नजर आएगी। यानी कि योजना के तहत जुर्माने की जो दर है उसे भी घटा दिया गया है। जुर्माने की जो दर है उसको कम करके 1% पर मंथ हर माह के लिए 1% कर दिया गया है।
2 महीने तक अगर आप देरी करते हैं तो 0.25% 4 महीने तक की देरी होती है तो 0.50% आपका जुर्माना लगाया जाएगा और 6 महीने तक यह योजना आपकी चालू रहेगी।और जरूरत पड़ने पर 6 महीने और इसको बढ़ाया भी जा सकता है। तो ये तमाम जो नए नियम है वो इस समय लागू किए गए हैं।
मोबाइल ऐप के जरिए आप इसमें काम कर सकते हैं और साथ ही ऑटोमेटिक क्लेम, सेटलमेंट जैसी तमाम सुविधाएं एप्लीकेशन के जरिए ही आपको बड़ी आसानी से मिल जाएंगी। 30 करोड़ से ज्यादा पेंशनर सदस्यों को इसका सीधे तौर पर लाभ होगा। ईपीएफओ का इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ में यह समझौता हुआ है यह करार हुआ है जिसके जरिए पेंशनर्स अब घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं।
EPFO के विड्रॉल से संबंधित जितने कोर्ट में केसेस पेंडिंग हैं, उनको देख करके यह लगता है कि अभी मुश्किलें काफ़ी ज़्यादा थी। करीब 6000 करोड़ से ज़्यादा की राशि पेंडिंग अभी भी बहुत सारे अदालतों में लंबित हैं अह इनको लेकर के। क्योंकि कंफ्यूजन बहुत ज्यादा था। कन्फ्यूज़न इसलिए होता था क्योंकि रूल्स कॉम्प्लेक्स थे।
इसीलिए जो सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज हैैं उसकी मीटिंग हुई और इस बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री – मंसूर मांडविया की उपस्थिति में हुई। जितने भी प्रोसीजर्स हैं जिसमें 13 प्रोसीजर्स थे उन सभी कॉम्प्लेक्स प्रोसीजर्स को एक कर दिया गया और विड्रॉल के लिए केवल तीन ही श्रेणियां बनाई गई।
मैरिज के लिए, एजुकेशन के लिए, और स्पेशल प्रोविजन के लिए आप 100% विथड्रॉल कर सकते हैं। तो जब रूल्स को सिंपल बनाया जाता है तो ई ऑफ लिविंग होती है और यही कोशिश है सरकार की, कि ईपीएफओ से लंबित जो मामले हैं उससे ग्रिवंस कम से कम किया जाए और विड्रॉल की जो सुविधा है उसको और भी ज्यादा आसान बनाया जाए।
पहले आपको बहुत सारे रीज़ंस देने पड़ते थे कि आप आपके हो सकता है आपकी नौकरी चली गई हो, कुछ वक्त तक आपके पास नौकरी ना हो या फिर कोई नेचुरल कलेमिटी हो, या फिर आपके घर में कोई बीमारी हो। उसको टेक्निकल आधार पर रोक दिया जाता था और आपको आपके पैसे मिलते ये ही नहीं थे। इसीलिए कोर्ट में केसेस बढ़ते जा रहे थे और अब सरकार ने फैसला किया है कि ऐसा नहीं होगा। इसका डिजिटाइजेशन ज्यादा से ज्यादा किया जाएगा।
