ED की बड़ी कार्रवाई: Sresan Pharma पर छापे, Coldrif Syrup से 20 बच्चों की मौत।

ईडी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में 20 बच्चों की हत्या करने वाले Coldrif Syrup को लेकर Sresan फार्मा से जुड़े चेन्नई के 7 परिसरों पर छापे मारे।

Sresan फार्मा के मालिक को पिछले सप्ताह गिरफ्तार कर लिया गया और मामले के सिलसिले में 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि Sresan फार्मा कंपनी के खिलाफ धन शोधन (ED) का मामला दर्ज किया गया है।

कंपनी के मालिक जी रंगनाथन को हाल ही में मध्य प्रदेश की एक विशेष जांच टीम ने गिरफ्तार किया था।

जांच एजेंसी तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण कार्यालय के शीर्ष अधिकारियों के आवासों पर भी छापेमारी कर रही है।

तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के अधिकारी दीपा और कार्तिकेयन को कथित भ्रष्टाचार लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया।

लाइसेंसिंग अनुमोदन को लेकर कंपनी और निलंबित अधिकारियों के बीच वित्तीय लेनदेन की जांच की जा रही है।

ईडी ने Syrup की बिक्री से अवैध मुनाफे का पता लगाया और आपूर्ति श्रृंखला नियामक विफलताओं की व्यापक जांच की।

Coldrif syrup में घातक डायथिलीन ग्लाइकॉल था, जिससे छिंदवाड़ा में बच्चों में तीव्र गुर्दे की विफलता हो रही थी।

CDSCO की रिपोर्ट से पता चलता है कि Sresan फार्मा ने चेतावनियों और गुणवत्ता जांच को नजरअंदाज किया और 2011 से परिचालन जारी रखा।

मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु और दिल्ली सहित कई राज्यों ने सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मध्य प्रदेश में विषाक्त संदूषण से जुड़ी बच्चों की मौतों के बाद पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने भी Coldreif syrup पर प्रतिबंध लगाया।

बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन ने सुरक्षा और गुणवत्ता संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए Coldreif syrup की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया।

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने 23 से अधिक बच्चों की मौत के लिए सरकारी लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।

नागपुर लैब की रिपोर्ट में 19 सितंबर को संदूषण की बात कही गई थी; मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने निष्कर्षों को नजरअंदाज किया, पटवारी का आरोप।

कांग्रेस के उच्च पदाधिकारियों ने बताया कि वे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी, और स्वास्थ्य अधिकारियों से जवाबदेही की मांग करते हुए एक दिन का उपवास रखेगी।

CDSCO जांच से पता चला कि श्रीसन फार्मा के पास डब्ल्यूएचओ जीएमपी प्रमाणन नहीं था, और उसने राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया था।

तमिलनाडु में बन रही Coldrif Syrup की प्रोडक्शन साइट ( जिसे प्लांट नहीं कह सकते) पर इन्वेस्टिगेटर में पाया की फैक्ट्री में गैस स्टोव पर केमिकल्स गर्म हो रहे थे। प्लास्टिक पाइप से चिपचिपा रेसिड्यू टपक रहा था, जंग लगी हुई मशीन वहां चल रही थी और बिना ग्लव्स और मास्क के कर्मी काम कर रहे थे।

मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अलर्ट के बाद, तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने एक और दो अक्टूबर को कांचीपुरम में Sresan फार्मास्यूटिकल्स पर छापा मारा, इस छापे में पता चला कि Coldrif Syrup बनाने के लिए इंडस्ट्रियल ग्रेड केमिकल्स का इस्तेमाल हो रहा था और गूगल पे के मदद से चेन्नई के लोकल डीलर से खुदरा पदार्थ खरीदा जा रहा था।

तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डायरेक्टरेट की 3 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरीके से कंपनी किसी भी फॉर्मल डॉक्यूमेंटेशन सेफ्टी प्रोटोकॉल के बिना ही यह Syrup बचने की कोशिश कर रही थी।

यहां तक की कंपनी ने प्रॉपर्ली ग्लाइकोल जो कफ Syrup का एक इनग्रीडिएंट होता है, वह भी लोकल केमिकल ट्रेडर्स और पेंट इंडस्ट्री डीलर से खरीदा रही थी ना की सर्टिफाइड फार्मास्यूटिकल सप्लायर से।

इन सब वायलेशंस के अलावा इंस्पेक्टर्स ने यह भी देखा कि कंपनी ने जो Coldrif Syrup में इंडस्ट्रियल ग्रेड प्रोपिलीन ग्लाइकोल का इस्तेमाल किया था उसे भी DEG यानी इथाईलीन ग्लाइकोल जैसी जो डेंजरस कॉन्टैमिनेंट्स होते हैं उसके लिए टेस्ट भी नहीं किया था।

साथ ही पाया गया कि प्रोडक्शन सुपरवाइज करने के लिए ना कोई क्वालिफाइड केमिस्ट मौजूद था, रॉ मैटेरियल्स बिना क्वालिटी टेस्ट के इस्तेमाल किया जा रहे थे।  इतना ही नहीं Syrup को बनाने के लिए जो पानी इस्तेमाल हो रहा था उसका सोर्स अननोन था।

फैक्ट्री में न एयर हैंडलिंग यूनिट था, HEPA फिल्टर नहीं थे, ना वेंटिलेशन के लिए प्रॉपर आउटलेट्स थे। ना पेस्ट कंट्रोल था, ना सेफ्टी लोग।

ड्रग् इंस्पेक्टर्स दे ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत 39 क्रिटिकल एवं 325 मेजर वायलेशंस पये। जिन में कीड़े मकोड़े का होना, कूड़ा, ग्रीन एयर फिल्टर ना होना, टूटे मशीनस होना जैसे बेसिक चीज भी इसमें शामिल थी। इन्हीं सब लापरवाहियों के वजह से Coldrif Syrup के SR-13 बैच में Diethylene Glycol की मात्रा 48.6% निकली, जो अलाउड लिमिट से 5 नहीं 50 नहीं 500 गुना ज्यादा थी।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को निलंबित करने और उनके खिलाफ फिर के कम पर IMA – इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छिंदवाड़ा शाखा ने कल विरोध जताया विरोध जाता के प्रशासन को पत्र लिखा है।

जिसमें उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताया संगठन ने कहा पिछले दिनों कुछ बच्चों की कफ syrup पीने से हुई मौत की घटना से छिंदवाड़ा के सभी डॉक्टर बहुत दुखी और हैरान है, हम सभी डॉक्टर पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना चाहते हैं।

लेकिन दुख की बात है कि 5 अक्टूबर 2025 की रात करीब 2:00 बजे बच्चों के डॉक्टर डॉ. प्रवीण सोनी को उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया यह कार्रवाई न सिर्फ गलत बल्कि भी है।

पत्र में आगे लिखा दवाइयां की मैन्युफैक्चरिंग क्वालिटी चेक और स्टैंडर्ड तय करना डॉक्टर का काम नहीं होता यह काम दवा कंपनियों और सरकार के विभागों का है डॉक्टर सोनी के गिरफ्तारी से पूरी डॉक्टर फ्रेटरनिटी में नाराजगी है।

Reuters के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को भारत में पहचाने गए तीन दूषित कफ सिरप के बारे में स्वास्थ्य चेतावनी जारी की, और दुनिया भर के अधिकारियों से इन दवाओं के किसी भी प्रकार का पता चलने पर रिपोर्ट करने का आग्रह किया। प्रभावित सिरप हैं:

  • Sresan Pharmaceutical की Coldrif Syrup.
  • Rednex Pharmaceuticals की Respifresh TR Syrup.
  • Shape Pharma की ReLife Syrup.

WHO ने चेतावनी दी है कि ये ऊपर बतायी गई तीनों सिरप बेहद खतरनाक हैं, यहां तक ​​कि गंभीर, संभावित जीवन-घातक बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।