जापान में पिछले कुछ दिन में अचानक से बहुत सारे लोग बीमार पड़ने लग गए यह एक आम तरह का सर्दी जुखाम बुखार नहीं था बट यह एक बहुत ही जहरीला फ्लू पाया गया जो एक महामारी की तरह फैल जा रहा है इसके चलते 4000 से ज्यादा नागरिक जापान के अस्पताल में भर्ती किए गए हैं और लगभग 135 स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
वहां के हेल्थ एक्सपर्ट्स ऐसा कह रहे हैं कि यह वाइरस अपने अंदर बहुत ही जल्दी बदलाव लेकर आ रहा है। वायरस के अंदर बदलाव को हम म्यूटेशन कहते हैं और इसके चलते शीघ्र से शीघ्र देश में वैक्सीनेशन बढ़ाना पड़ेगा और ज्यादा साफ सफाई रखनी पड़ेगी वहां के नागरिकों को और बाहर से आने वाले टूरिस्ट को।
जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह पुष्टि की है कि औसतन हमारे राष्ट्र में महामारी सीमा यह बीमारी महामारी सीमा को पार कर चुकी है और सारे अस्पताल चिकित्सालय भर गए हैं और रोगियों की संख्या 1.04 अधिक पहुंच चुकी है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है यह इन्फ्लूएंजा वायरस है जो की बहुत तेजी से विकसित हो रहा है और अगर इस समय रहते कंट्रोल में नहीं किया गया तो यह राष्ट्र के लिए एक नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।
जापान फ़्लू का प्रकोप: एक प्रारंभिक और असामान्य लहर ने जापान को हिलाकर रख दिया
जापान में इन्फ्लूएंजा की बीमारी ज्यादातर नवंबर के अंत में और दिसंबर में देखी जाती है बट बट इस बार लेकिन इस बार 2025 में इन्फ्लूएंजा पांच हफ्ते पहले ही जापान में दाखिल हो चुका है और यह कोई आम खांसी जुकाम बुखार की तरह नहीं लेकिन महामारी का रूप ले चुका है।
अब क्योंकि यह बीमारी समय से पहले आ गई तो वहां के सरकार को प्रबंध करने का टाइम नहीं मिला और इस वजह से सभी अस्पताल और छोटे क्लिनिक मरीजों से लबालब हो चुके हैं।
जापानी हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि 3 अक्टूबर को अस्पतालों में 4000 से ज्यादा लोग इन्फ्लूएंजा के मरीज भर्ती हुए हैं और पिछले हफ्ते में इनकी तादाद चार गुना बढ़ गई है।
जापानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने हमें यह भी बताया कि पूरे देश में 135 स्कूल और बच्चों की देखने करने वाले सेंटर्स को पूरे देश में टेंपरेरी बंद कर दिया गया है खास तौर पर टोक्यो काकी नया और कार्गो सीमा शहरों में जहां पर इन्फ्लूएंजा वायरस की तादाद ज्यादा है वहां पर पूर्ण शटडाउन कर दिया गया है।
यमुना गाता में एक प्राइमरी स्कूल में 36 में से 22 बच्चों ने फ्लू के जैसे लक्षण पाए गए तो उसे स्कूल को कुछ दोनों के लिए तुरंत बंद कर दिया गया।
विशेषज्ञों ने तेजी से विकसित होने वाले वायरस की चेतावनी दी है
स्वास्थ्य शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि जल्दी फ्लो देश में आ जाने की वजह यह भी हो सकती है कि ग्लोबल तापमान और ग्लोबल मौसम जिस तरह से बदलाव ला रहे हैं यह भी वायरस का जल्दी प्रकट होना एक कारण हो सकता है।
ऐसा मानना है कि दुनिया भर के ट्रैवल में और आबादी के मूवमेंट से वायरस का फैलना बढ़ सकता है अगर यह बढ़ गया और जापान से निकाल के दूसरे देशों में चला गया तो वहां के मौसम को भी अडॉप्ट कर लेगा लोगों को यह ध्यान में रखना चाहिए और वैक्सीनेटर रहना चाहिए हाथ बार-बार धोने चाहिए और अपने आप को सफाई से रहना सफाई से रखना चाहिए जिसकी वजह से इंफेक्शन फैलने की रोकथाम में मदद मिले।
स्वास्थ्य कर्मियों ने यह भी बताया जैसा कि दुनिया के अन्य देशों में वायरस प्रतिबंधित करता है यह सुझाव देता है कि इन्फ्लूएंजा के कुछ प्रकार अधिक कुशलता से फैलने या मानक उपचारों का विरोध करने के लिए विकसित हो रहे हैं और ऐसा हो गया तो यह भी कोरोना के जैसे ही पूरे विश्व में फैल सकता है।
फ्लू के मामले बढ़ने से अस्पताल दबाव में हैं
जापान में जब ज्यादा से ज्यादा पेशेंट को मेडिकल सुविधाओं की जरूरत पड़ने लगी है तो जापान के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ पढ़ने लग गई और वहां बीड्स कम पड़ने लग गए साथ ही साथ वेटिंग रूम भर गए और अस्पताल स्टाफ की कमी देखने को मिली और यह सब अस्पतालों को एक बार फिर कोविद-19 महामारी के बारे में याद दिलाने लग गया।
यात्रा सलाह: पर्यटकों से सतर्क रहने का आग्रह
जापान में Covid-19 के बाद से ही पर्यटन और आवागमन में भारी उछाल देखा गया था। अकेले सितंबर 2025 के महीने में ही जापान देश में 25 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे जो माहवारी पूर्व स्तर का 90% है।
जैसा कि हम जानते ही हैं इस साल 2025 में रिकॉर्ड संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आने के साथ जापान शीर्ष वैश्विक यात्रा कर्तव्य बन चुका है और क्योंकि इन दोनों इन्फ्लूएंजा के जल्दी देश में आ जाने की वजह से इन्फ्लूएंजा अभी तेजी से फैल रहा है विशेषज्ञ आगुंतकों को निवारक उपाय करने की चेतावनी दे रहे हैं।
चाइना मॉर्निंग पोस्ट की वैबसाइट www.Scmp.com के अनुसार, टोक्यो स्थित ट्रैवल मार्केटिंग विश्लेषक एशले हार्वे ने यात्रियों को कोविड-19 के समान स्वच्छता मानकों को बनाए रखने की सलाह दी। हार्वे ने कहा, “भले ही तनाव अन्य देशों से भिन्न हो, लेकिन मास्क पहनने और नियमित रूप से हाथ धोने जैसे स्वच्छता उपाय काफी मददगार साबित हो सकते हैं।”
इन्फ्लूएंजा वायरस के दुनिया भर में फैले प्रकार
फ्लू चार प्रकार के इन्फ्लूएंजा वायरस कारण होते हैं जैसे कि वायरस- ए, बी, सी और डी में से किसी एक के कारण होने वाले संक्रमण ऐसे व्यक्ति को शरीर में इन्फ्लूएंजा हो सकता है। इन्फ्लूएंजा ए और बी मनुष्यों में सबसे आम मौसमी प्रकोप का कारण बनते हैं, जबकि फ्लू और सामान्य सर्दी के कई समान लक्षण होते हैं, सामान्य सर्दी राइनोवायरस सहित कई अलग-अलग वायरस के कारण हो सकती है।
लेकिन यह सिर्फ जापान नहीं है बल्कि सिंगापुर, थाईलैंड और भारत सहित महाद्वीप के अन्य देशों में हाल के हफ्तों में फ्लू के मामले बढ़े हैं। उत्तरार्द्ध, विशेष रूप से, देश के उत्तर में H3N2 वायरस के प्रसार की चपेट में आ गया है। मौसमी H3N2 उस तनाव से उत्पन्न होता है जो 1968 के हांगकांग फ्लू महामारी का कारण बना, जिसमें मानव और एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस संयुक्त थे।
लंदन में फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में वर्ल्डवाइड इन्फ्लुएंजा सेंटर के निदेशक निकोला लुईस ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि अगली वैश्विक महामारी फ्लू के कारण हो सकती है। लुईस ने कहा, “मुझे लगता है कि रोग एक्स के इन्फ्लूएंजा वायरस होने की संभावना शायद किसी भी अन्य ज्ञात रोगज़नक़ समूह की तुलना में अधिक है जिसके बारे में मैं सोच सकता हूं।” रोग एक्स एक काल्पनिक नई या अज्ञात बीमारी को संदर्भित करता है जो महामारी का कारण बन सकती है।
